भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है जो २०३०
तक चीन को पछाड़ते हुए सबसे अधिक जनसँख्या वाला देश भी होगा | भारत में १० वर्षीय
बालक भी ऑस्ट्रेलिया की तुलना में अधिक हैं |
दर्जनों भाषाएँ लिपियाँ और धर्म भारत को बहु सांस्कृतिक राष्ट्र बनाती हैं
जो चीन की अपेक्षा एकाकी ना होकर गहन है, विशाल है | १९४७ में स्वतंत्रता के बाद से ही भारत कभी एकाकी राष्ट्र नहीं
रहा साथ ही विविधता से भरे आधुनिक लोकतंत्र के विकास ने निश्चित तौर पर भारत को
हमारे समय की एक राजनैतिक उपलब्धि बनाता है |
एक बार जब आप इसकी विशालता को सराहते हैं तो
आपको इसकी क्षमता देखने को मिलती है| वो सभी १० वर्षीय एक दिन भारत के चुनाव का
हिस्सा होंगे मतदाता बनेगे जो भारत का मध्यवर्ग बनेगें वो मध्यवर्ग जो भारतीय
अर्थव्य्स्वस्था के विस्फोटक विकास का मुख्य यंत्र हैं ये सब स्वतः ही भारत की
क्षमता को दर्शातें हैं|
इन सब चीजों को जब हम साथ रख कर देखतें हैं तब हमें सहज ही समझ आता है की
भारत क्यों विश्व के और हमारे क्षेत्र के लिए अहम भूमिका रखता है | मुझे ऑस्ट्रलियाई
निवासियों के लिए उम्मीद है , ये समझना सरल है की इन दो देशों के बीच सम्बन्ध कभी
इतने महत्वपूर्ण नहीं रहे | ऑस्ट्रेलिया के लिए औपचारिक रूप से संबंधो की शुरुआत
१९५० में हुई जब रोबर्ट मेंजिस पहले ऑस्ट्रलियाई नेता के तौर पर स्वतंत्र भारत आये| तब से अब तक दोनों देशों के मध्य और दोनों देशो में काफी कुछ बदल चुका है और अब
हमें अपने संबंधो की दिशा भारत के विस्तृत मांग और
क्षमता के अनुरूप परवर्तित करने की ओर ध्यान देना है जिसमें हमारे ऑस्ट्रलियाई
लोगों का साथ हो, और हमारे संसाधनों के साथ साझा लोकतान्त्रिक परम्परा का समावेश
हो |
९
- १२ अप्रैल मेरी प्रधानमंत्री के तौर पर पहली औपचारिक भारतीय यात्रा होगी
इसके लिए मै प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण से आनंदित हूँ |
इस दौरे के केन्द्रित विषय
इस औपचारिक भेंट में हम तीन प्रमुख क्षेत्र
पर अपना ध्यान केन्द्रित करेंगे| ये क्षेत्र हमारी साझा क्षमता प्रदर्शित करेंगे, जिनमें हमारी अर्थव्यवस्था, ज्ञान और रणनीतिक साझेदारी प्रमुख है |
भारत विश्व को अपनी अर्थव्यवस्था के तीव्र विकास से प्रेरित कर रहा है| लाखों लोग गरीबी से बाहर आ रहे हैं और देश को विश्व की सर्वाधिक तेज़ी से बढ़ने वाली
अर्थव्यवस्था बना रहे हैं जिसकी संभावी विकास दर २०१७ में ७.५% मानी जा रही है| यह भारत के लिए जहाँ
अप्रत्याशित परिणाम हैं वहीँ ऑस्ट्रेलिया के लिये दुर्लभ अवसर है |
मुंबई से मेलबर्न, बेंगलुरु से ब्रिसबेन तक भारत खरीदार के तौर पर होगा जहाँ
ऑस्ट्रेलिया को अपनी श्रेष्ठ वस्तुएं प्रस्तुत करनी पड़ेगी |
हमारा साझा व्यापार वृद्धि कर रहा है और अब २० अरब के स्तर पर पहुँच चुका है
पर यह अब भी बहुत कम है और यहाँ बहुत कुछ है जो हम कर सकते हैं| ऑस्ट्रेलियाई
उद्यम प्रारम्भकर्ता के लिए भारत का बाजार और ये देश अतिविशिष्ट है|
सरकार भारत - ऑस्ट्रेलिया रणनीतिक शोध के लिए फण्ड की घोषणा करेगी जो १ अरब
डॉलर से अधिक होगी ये कदम हमारे तीव्र
मस्तिष्क के आपसी सहयोग को विभिन्न
क्षेत्रों तक ले जायेगा जैसे "खाद्य सुरक्षा ,स्वास्थ्य सेवाओं का आधुनिकीकरण
,नैनो तकनीक , अन्तरिक्ष शोध " आदि हम अपनी प्रतिभा के समायोजन से दोनों
देशों को तकनिकी उपलब्धि से लाभान्वित कर ही रहे हैं |
शिक्षण केंद्र
दशकों से
हमारे नागरिक हिन्द महासागर के आर पार ज्ञान की खोज में आ जा रहें हैं| गत वर्ष
ऑस्ट्रेलिया भारतीय विद्यार्थियों के लिए दूसरा सर्वाधिक लोकप्रिय स्थान रहा जहाँ
६०,००० भारतीय विद्यार्थी ऑस्ट्रेलिया पढने आये |
मैं सरकार के कोलम्बो योजना से अधिक से अधिक
युवा ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को भारत को एक शिक्षण केंद्र के रूप में चुनते हुए
देखना चाहता हूँ | भारत में
उचस्त्तर पर हमारे मिनरल् और संसाधनों की मांग है पर शिक्षा आपसी साझा बंधुता बढ़ाने का एक नवीन मार्ग है |
भारत सरकार २०२२ तक ४ करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करना चाहती है हम इस लक्ष्य की
प्राप्ति में उनकी साहयता कर सकते हैं| हमारे शैक्षिक संबंधो की आधारशिला उच्च
शिक्षा और शोध क्षेत्र है | हमारे संस्थानों के बीच सामंजस्य शोध आविष्कार विज्ञान
और प्रोद्योगिकी हमारे ज्ञान साझेदारी को विकसित कर रही है |
हमारी दो मुलाकाते पहले हो चुकी है
श्रीमान मोदी और मै दोनों ही यह समझते हैं की निकट आर्थिक साझेदारी हमारे रणनीतिक
प्राथमिकताओं से मेल खातें है |
हिन्द महासागर क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा हम दोनों के लिए आवश्यक है और
मेरी यह यात्रा क्षेत्रीय भौगोलिक रणनीति उन मुद्दों पर चर्चा के लिए आपसी सशक्त
संलग्नता के लिए एक उचित वातावरण प्रदान करेगा एक उदार वादी लोकतांत्रिक व्यवस्था होने के नाते हम साथ साथ
व्यापार और बंधुता को , अपने क्षेत्र में विधि के शासन को बढ़ाने के लिए काम कर
सकते हैं |
भारतीय संबंध
हम काफी
भाग्यशाली हैं हमारे अपने देश में जहाँ भारतीय संस्कृति, खान पान, कला सबका अनूठा योग है यहाँ के
लोग ऑस्ट्रलियाई जीवन का अहम हिस्सा हैं लगभग ५० हजार ऑस्ट्रलियाई भारतीय मूल के
हैं जिनकी संख्यां में लगातार वृद्धि हो रही है, चाहे मेलबर्न का छोटा भारत हो
या ब्रिसबेन की दिवाली या न्यू साउथ वेल्स के नार्थ कोस्ट में रहने वाले पुराने
सिख समुदाय, आधुनिक ऑस्ट्रेलिया विश्व में विवधताओं से भरे समाज का स्थान है
जिसकी कल्पना भारतीय - ऑस्ट्रलियाई के योगदान के बिना असंभव है |
द हिन्दू में प्रकाशित ऑस्ट्रलियाई प्रधानमंत्री
के लेख का हिंदी अनुवाद
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें