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Showing posts from June, 2017

राजद्रोही नारे .......?

   जटिल परिस्थितियों में हम अक्सर अपना संतुलन खो देते हैं| हमारे सामने जो भी स्थिति हो, हम उसे बिना सोचे-समझे पूर्वाग्रह से देखने लगते हैं| या यूँ कहूँ कि बौद्धिकता का त्याग कर किसी निर्णय पर पहुँच जाते हैं| जब बात भारत की हो, उसमें भी मुस्लिम की हो या पकिस्तान की हो, तब तो कोई और सोच आती ही नहीं|    मध्यप्रदेश और राजस्थान में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाए जाने के जुर्म में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया| बाद में मध्यप्रदेश के 15 आरोपियों को छोड़ दिया गया|    अपने देश की हार का जश्न मनाना दुखद या अनुचित है या हो सकता है, पर अपराध बिल्कुल नहीं और राजद्रोह तो किसी कीमत पर नहीं| जब ओवल, इंग्लैंड में भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक वहां पर भारत की जीत का जश्न मनाते हैं, तो क्या वे हमारे लिए या ब्रिटेन के लिए राजद्रोही होते हैं? नहीं! हमारे लिए वे देशप्रेमी और राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत नागरिक होते हैं| उनका संवैधानिक राष्ट्र उन्हें इस बात के लिए दण्डित नहीं करता और न ही तार्किक रूप से ऐसा कोई भी लोकतान्त्रिक-संवैधानिक राष्ट्र कर सकता है |    अब हम अपनी बात करते हैं| हमारे मन-म

भारत एक लोकतान्त्रिक उपलब्धि

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है जो २०३० तक चीन को पछाड़ते हुए सबसे अधिक जनसँख्या वाला देश भी होगा | भारत में १० वर्षीय बालक भी ऑस्ट्रेलिया की तुलना में अधिक हैं |         दर्जनों भाषाएँ लिपियाँ और धर्म भारत को बहु सांस्कृतिक राष्ट्र बनाती हैं जो चीन की अपेक्षा एकाकी ना होकर गहन है, विशाल है | १९४७ में स्वतंत्रता के बाद से ही भारत कभी एकाकी राष्ट्र नहीं रहा साथ ही विविधता से भरे आधुनिक लोकतंत्र के विकास ने निश्चित तौर पर भारत को हमारे समय की एक राजनैतिक उपलब्धि बनाता है |       एक बार जब आप इसकी विशालता को सराहते हैं तो आपको इसकी क्षमता देखने को मिलती है| वो सभी १० वर्षीय एक दिन भारत के चुनाव का हिस्सा होंगे मतदाता बनेगे जो भारत का मध्यवर्ग बनेगें वो मध्यवर्ग जो भारतीय अर्थव्य्स्वस्था के विस्फोटक विकास का मुख्य यंत्र हैं ये सब स्वतः ही भारत की क्षमता को दर्शातें हैं|       इन सब चीजों को जब हम साथ रख कर देखतें हैं तब हमें सहज ही समझ आता है की भारत क्यों विश्व के और हमारे क्षेत्र के लिए अहम भूमिका रखता है | मुझे ऑस्ट्रलियाई निवासियों के लिए उम्मीद है , ये समझना सरल है की इन दो

अधूरी स्टोरी इन अंग्रेजी

   अधूरी स्टोरी इन अंग्रेजी  आज तो इंग्लिश स्पीकिंग सीखने जायेंगे | अपनी कक्षा के मित्रों को उछलते हुए मानव बता रहा था | मेरे पापा ने तो कह दिया " जो भी करना है कर ले पर पूरी मेहनत से कर मेरे पास ज्यादा पैसे नहीं हैं तुझे देने के लिए " यह बात उसने अपने करीबी मित्र प्रकाश से कान में आराम से कही और दोनों कुछ देर के लिए चुप हो गये ||      मानव दिल्ली के झुग्गी-झोपड़ी  इलाके कहे जाने वाले मंगोल पूरी में रहता है जहाँ एक एक पलंग रखने लायाक छोटे छोटे घरों में नाली के ऊपर तक छज्जा बढ़ा के संरचना बनाइ गई है | जिसकी   तीन -चार मंजिलों में अलग -अलग परिवारों के लगभग १२  से १५  लोग हर २५ गज के टुकड़े पर रहते हैं |    अधिकतर परिवार बिहार ,उत्तर प्रदेश ,राजस्थान  आदि राज्यों के अपने बड़े बड़े आँगन छोड़कर मजबूरी वाली स्वेच्छा  से पहले खुद आये और पीछे पीछे पूरा समुदाय ले आये अपना अपना पूरा  गाँव ले आये | ऐसे ही एक परिवार का किशोर बालक है मानव जो यहाँ के सरकारी विद्यालय में पढता है |  किशोर मन आभाव में भी भाव ढूंढता है और ऐसे परिवेश में जहाँ चारो और खेल से लेकर खाने तक और प्रेम से लेकर पखा