ग्लोबल टाइम्स को 1967 के आंकड़े खोजने चाहिए ? 1962 में धोखा खाने के बाद भारत इन चीनियों को समझ चुका था कि ये दो- मुहें सांपनुमा राष्ट्रीयता को जीने वाले बौद्ध धर्म के वेश में केवल लालची विस्तार वादी लोग हैं। 1965 में जब भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ तो चीन ने अपनी हेकड़ी दिखाते हुए एक असफ़ल राष्ट्र पाकिस्तान की सहायता करने के लिए भारत को परेशान और कमजोर करने के उद्देश्य से सिक्किम क्षेत्र सीमाओं पर अपनी सैन्य स्थिति और गतिविधियों को बढ़ा दिया। जिसके चलते भारत के आला-कमान ने एक साथ अपनी ऊर्जा को दोनों स्थानों पर जाया न करने के उद्देश्य से स्थानीय कमांडरों जिन्हें डिविजनल कमांडर कहा जाता है, उन्हें यह आदेश दिया की यदि स्थिति बिगड़े तो फ़िलहाल कुछ समय के लिए अपनी चौकियों को छोड़कर पीछे हट जाना। इस आदेश के तत्कालीन कारण दो थे - पहला भारत और तिब्बत के बीच कोई सीमा निर्धारित न होने के कारण पहली बार अंग्रेजों ने जब 1914 में शिमला समझौता करके तिब्बत और भारत के बीच सीमा तय की थी तो उस दौरान हिमालय की उच्च श्रृंखलाओँ को दोनों देशों के बीच की सीमा माना गया था, अब जिन पहड़ियों की उच्च श्रृंखलाओं को स
आओ चाँद के किरदार को अपनाते हैं, दूसरों की रोशनी में अपने दाग दिखाते हैं|