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Showing posts from December, 2020

इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय और इंदिरा गांधी खुला विश्विद्यालय

यह अनुमान है कि २०२१ तक भाषा रूपांतरण की वैश्विक मांग, इस क्षेत्र के पेशेवर सेवा क्षेत्र का बाजार 560 लाख रु के बराबर या उससे अधिक हो जाएगा।  वैश्विक बाजार में प्रवेश करने के लिए अनुवाद एक महत्वपूर्ण साधन है। वेबसाईट, अलग अलग तरह के अनुबंधों के दस्तावेज, बाजार से सम्बंधित सामग्री, भिन्न डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म को प्रयोग करने वाले व्यक्ति सभी के लिए अनुवाद ही एकमात्र विकल्प है कि वह नए क्षेत्रों से और नए बाजार से जुड़ें।     अनुवाद को केवल अनुवाद या दो भाषाओं का परिवर्तन समझेंगे तो यह बहुत कठिन लगेगा, लेकिन इसे अन्य विज्ञान की तरह विज्ञान समझेंगे तो यह सरल होगा। वैश्विक संदर्भ में योरोपीय संघ और भिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने इस विषय पर काम और शोध के क्षेत्र को विस्तारित किया है। भारतीय संदर्भ में अनुवाद परिषद और भाषा वैज्ञानिक तकनीकी शब्दावली आयोग इस क्षेत्र में कार्यरत्त हैं। कुछ बिंदु जिन पर कई तरह की भ्रांतियां हैं उसी के संदर्भ में मेरा यह लेख है आशा है इससे एक नया संवाद धरातल हिंदी भाषियों के बीच तैयार होगा।  अनुवादकों को मातृभाषी होना चाहिए  ब्रांड की वैश्विक सफलता के लिए  स्थानीय बाजा