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जवान - लोकतान्त्रिक अपील का बड़ा परदा

कला किसी भी दौर में अभिव्यक्ति के माध्यम खोज लेती है। भारतीय सिनेमा का भारतीय नागरिकों पर अत्यधिक प्रभाव है। ख़ासकर हिंदी सिनेमा का ऐसे दौर में जहाँ सत्ता ने तमाम तरह के दायरों में मीडिया को जकड़ा हुआ है, जहाँ लाभ और हानि का गणित व्यापक स्तर पर मनोभावों के ठेस लगने पर निर्भर कर दिया गया है। उस समय में यह फिल्म सत्ता से सवाल भी करती है। आपका मनोरंजन भी करती है।  पूरे देश में आम नागरिक की शिक्षा और स्वास्थ्य की जरूरतों को बड़े बड़े निगमों की चकाचौंध से भरी विज्ञापन की दुनिया में बिसरा दिया जाता है। हमारे आस पास से सरकार की भूमिका को धीरे धीरे मिटाया जा रहा है। एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में व्यवस्था के रिस्पांस सभी के प्रति बराबर होना चाहिए, पर अफ़सोस ऐसा है नहीं।  इतिहास के खोल में घुस चुका पूरा तंत्र वर्तमान को केवल खोखले गर्वोक्ति और अधूरी जानकारी से भरता है फिल्मों में बड़े बड़े सितारों ने भी उस जगाने की क्रिया से मुहं फेरा हुआ है।  एक लम्बे अन्तराल के बाद किसी बड़े सिनेमा के बड़े परदे से आपको आपके मतदान के महत्व और आपकी जिम्मेदारी के प्रति चेतना देने का प्रयास दिखेगा अब इसके लिए आप...